EN اردو
4 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

4 लाइन शायरी

446 शेर

मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे

My companion, my intimate, be not a friend and yet betray
The pain of love is fatal now, for my life please do not pray

शकील बदायुनी




मुझे आ गया यक़ीं सा कि यही है मेरी मंज़िल
सर-ए-राह जब किसी ने मुझे दफ़अतन पुकारा

I then came to believe it was, my goal, my destiny
When someone in my path called out to me repeatedly

शकील बदायुनी




मुझे आ गया यक़ीं सा कि यही है मेरी मंज़िल
सर-ए-राह जब किसी ने मुझे दफ़अतन पुकारा

I then came to believe it was, my goal, my destiny
When someone in my path called out to me repeatedly

शकील बदायुनी




मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर तिरा क्या भरोसा है चारागर
ये तिरी नवाज़िश-ए-मुख़्तसर मेरा दर्द और बढ़ा न दे

Leave me to my present state, I do not trust your medicine
Your mercy minor though may be,might increase my pain today

शकील बदायुनी




मुश्किल था कुछ तो इश्क़ की बाज़ी को जीतना
कुछ जीतने के ख़ौफ़ से हारे चले गए

was difficult to win the game of love to a degree
and so I went on losing being afraid of victory

शकील बदायुनी




मुश्किल था कुछ तो इश्क़ की बाज़ी को जीतना
कुछ जीतने के ख़ौफ़ से हारे चले गए

was difficult to win the game of love to a degree
and so I went on losing being afraid of victory

शकील बदायुनी




उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल

her mention, her yearning her memory
O how precious time now seems to me

शकील बदायुनी