देखे हैं बहुत हम ने हंगामे मोहब्बत के
आग़ाज़ भी रुस्वाई अंजाम भी रुस्वाई
सूफ़ी तबस्सुम
दिलों का ज़िक्र ही क्या है मिलें मिलें न मिलें
नज़र मिलाओ नज़र से नज़र की बात करो
सूफ़ी तबस्सुम
दिलों का ज़िक्र ही क्या है मिलें मिलें न मिलें
नज़र मिलाओ नज़र से नज़र की बात करो
सूफ़ी तबस्सुम
एक शोला सा उठा था दिल में
जाने किस की थी सदा याद नहीं
सूफ़ी तबस्सुम
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हुस्न का दामन फिर भी ख़ाली
इश्क़ ने लाखों अश्क बिखेरे
सूफ़ी तबस्सुम
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हुस्न का दामन फिर भी ख़ाली
इश्क़ ने लाखों अश्क बिखेरे
सूफ़ी तबस्सुम
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इक फ़क़त याद है जाना उन का
और कुछ इस के सिवा याद नहीं
सूफ़ी तबस्सुम
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