EN اردو
2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

तेरी आँखों में हम ने क्या देखा
कभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा

सुदर्शन फ़ाख़िर




ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं
याद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह

सुदर्शन फ़ाख़िर




ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं
याद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह

सुदर्शन फ़ाख़िर




आज 'तबस्सुम' सब के लब पर
अफ़्साने हैं मेरे तेरे

सूफ़ी तबस्सुम




आज 'तबस्सुम' सब के लब पर
अफ़्साने हैं मेरे तेरे

सूफ़ी तबस्सुम




औरों की मोहब्बत के दोहराए हैं अफ़्साने
बात अपनी मोहब्बत की होंटों पे नहीं आई

सूफ़ी तबस्सुम




औरों की मोहब्बत के दोहराए हैं अफ़्साने
बात अपनी मोहब्बत की होंटों पे नहीं आई

सूफ़ी तबस्सुम