तेरी आँखों में हम ने क्या देखा
कभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा
सुदर्शन फ़ाख़िर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं
याद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह
सुदर्शन फ़ाख़िर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं
याद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह
सुदर्शन फ़ाख़िर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
आज 'तबस्सुम' सब के लब पर
अफ़्साने हैं मेरे तेरे
सूफ़ी तबस्सुम
आज 'तबस्सुम' सब के लब पर
अफ़्साने हैं मेरे तेरे
सूफ़ी तबस्सुम
औरों की मोहब्बत के दोहराए हैं अफ़्साने
बात अपनी मोहब्बत की होंटों पे नहीं आई
सूफ़ी तबस्सुम
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
औरों की मोहब्बत के दोहराए हैं अफ़्साने
बात अपनी मोहब्बत की होंटों पे नहीं आई
सूफ़ी तबस्सुम
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |