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बेखुद बदायुनी शायरी | शाही शायरी

बेखुद बदायुनी शेर

14 शेर

आँसू मिरी आँखों में हैं नाले मिरे लब पर
सौदा मिरे सर में है तमन्ना मिरे दिल में

बेखुद बदायुनी




बैठता है हमेशा रिंदों में
कहीं ज़ाहिद वली न हो जाए

बेखुद बदायुनी




दैर-ओ-हरम को देख लिया ख़ाक भी नहीं
बस ऐ तलाश-ए-यार न दर-दर फिरा मुझे

बेखुद बदायुनी




गर्दिश-ए-बख़्त से बढ़ती ही चली जाती हैं
मिरी दिल-बस्तगियाँ ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर के साथ

बेखुद बदायुनी




हासिल उस मह-लक़ा की दीद नहीं
ईद है और हम को ईद नहीं

बेखुद बदायुनी




कभी हया उन्हें आई कभी ग़ुरूर आया
हमारे काम में सौ सौ तरह फ़ुतूर आया

बेखुद बदायुनी




ख़ून हो जाएँ ख़ाक में मिल जाएँ
हज़रत-ए-दिल से कुछ बईद नहीं

बेखुद बदायुनी




न मुदारात हमारी न अदू से नफ़रत
न वफ़ा ही तुम्हें आई न जफ़ा ही आई

बेखुद बदायुनी




शिफ़ा क्या हो नहीं सकती हमें लेकिन नहीं होती
दवा क्या कर नहीं सकते हैं हम लेकिन नहीं करते

बेखुद बदायुनी