हँसता पानी रोता पानी
मुझ को आवाज़ें देता था
नासिर काज़मी
हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन
जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया
नासिर काज़मी
हमारे घर की दीवारों पे 'नासिर'
उदासी बाल खोले सो रही है
नासिर काज़मी
इस क़दर रोया हूँ तेरी याद में
आईने आँखों के धुँदले हो गए
नासिर काज़मी
इस शहर-ए-बे-चराग़ में जाएगी तू कहाँ
आ ऐ शब-ए-फ़िराक़ तुझे घर ही ले चलें
नासिर काज़मी
जिन्हें हम देख कर जीते थे 'नासिर'
वो लोग आँखों से ओझल हो गए हैं
नासिर काज़मी
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया
नासिर काज़मी
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया
नासिर काज़मी
जुर्म-ए-उम्मीद की सज़ा ही दे
मेरे हक़ में भी कुछ सुना ही दे
नासिर काज़मी