मैं तो हर हर ख़म-ए-गेसू की तलाशी लूँगा
कि मिरा दिल है तिरे गेसू-ए-ख़मदार के पास
मुबारक अज़ीमाबादी
ले चला फिर मुझे दिल यार-ए-दिल-आज़ार के पास
अब के छोड़ आऊँगा ज़ालिम को सितमगार के पास
मुबारक अज़ीमाबादी
क्या कहें क्या क्या किया तेरी निगाहों ने सुलूक
दिल में आईं दिल में ठहरीं दिल में पैकाँ हो गईं
मुबारक अज़ीमाबादी
कुछ इस अंदाज़ से सय्याद ने आज़ाद किया
जो चले छुट के क़फ़स से वो गिरफ़्तार चले
मुबारक अज़ीमाबादी
किसी से आज का वादा किसी से कल का वादा है
ज़माने को लगा रक्खा है इस उम्मीद-वारी में
मुबारक अज़ीमाबादी
किसी ने बर्छियाँ मारीं किसी ने तीर मारे हैं
ख़ुदा रक्खे इन्हें ये सब करम-फ़रमा हमारे हैं
मुबारक अज़ीमाबादी
किसी की तमन्ना निकलती रही
मिरी आरज़ू हाथ मलती रही
मुबारक अज़ीमाबादी
किस पे दिल आया कहाँ आया बता ऐ नासेह
तू मिरी तरह परेशान कहाँ जाता है
मुबारक अज़ीमाबादी
खटक रही है कोई शय निकाल दे कोई
तड़प रहा है दिल-ए-बे-क़रार सीने में
मुबारक अज़ीमाबादी