'मीर' साहब तुम फ़रिश्ता हो तो हो
आदमी होना तो मुश्किल है मियाँ
मीर तक़ी मीर
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'मीर' उन नीम-बाज़ आँखों में
सारी मस्ती शराब की सी है
मीर तक़ी मीर
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मिरे सलीक़े से मेरी निभी मोहब्बत में
तमाम उम्र मैं नाकामियों से काम लिया
in my own way I have dealt with love you see
all my life I made my failures work for me
मीर तक़ी मीर