हस्ती अपनी हबाब की सी है
ये नुमाइश सराब की सी है
my life is like a bubble now
mirage-like appears this show
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
the softness of her lips is close
to velvet petals of a rose
चश्म-ए-दिल खोल इस भी आलम पर
याँ की औक़ात ख़्वाब की सी है
do let your heart's eye see this world
tis but a dreamlike state unfurled
बार बार उस के दर पे जाता हूँ
हालत अब इज़्तिराब की सी है
repeatedly to her address
I go, lo, such is my distress
नुक़्ता-ए-ख़ाल से तिरा अबरू
बैत इक इंतिख़ाब की सी है
your brow inscribed upon your skin
a line of poetry akin
मैं जो बोला कहा कि ये आवाज़
उसी ख़ाना-ख़राब की सी है
when I spoke out, she did complain
"that derelict is here again"
आतिश-ए-ग़म में दिल भुना शायद
देर से बू कबाब की सी है
this heart long burnt in sorrow's hell
there is a barbecue like smell
देखिए अब्र की तरह अब के
मेरी चश्म-ए-पुर-आब की सी है
just as a monsoon cloud appears
these eyes of mine are full of tears
'मीर' उन नीम-बाज़ आँखों में
सारी मस्ती शराब की सी है
miir in her half-ope eyes there is
the fullness of wine's heady bliss
ग़ज़ल
हस्ती अपनी हबाब की सी है
मीर तक़ी मीर