EN اردو
मीर तक़ी मीर शायरी | शाही शायरी

मीर तक़ी मीर शेर

120 शेर

दिल मुझे उस गली में ले जा कर
और भी ख़ाक में मिला लाया

मीर तक़ी मीर




दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है
ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया

why even mention of the heart's deserted state
this city's been looted a hundred times to date

मीर तक़ी मीर




दिल कि यक क़तरा ख़ूँ नहीं है बेश
एक आलम के सर बला लाया

मीर तक़ी मीर




दिखाई दिए यूँ कि बे-ख़ुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले

मीर तक़ी मीर




दीदनी है शिकस्तगी दिल की
क्या इमारत ग़मों ने ढाई है

मीर तक़ी मीर




दीदनी है शिकस्तगी दिल की
क्या इमारत ग़मों ने ढाई है

मीर तक़ी मीर




देख तो दिल कि जाँ से उठता है
ये धुआँ सा कहाँ से उठता है

see if it rises from the heart or from the soul it flows
does anybody know the source from where this smoke arose?

मीर तक़ी मीर




दे के दिल हम जो हो गए मजबूर
इस में क्या इख़्तियार है अपना

मीर तक़ी मीर




दावा किया था गुल ने तिरे रुख़ से बाग़ में
सैली लगी सबा की तो मुँह लाल हो गया

मीर तक़ी मीर