आज आएँगे कल आएँगे कल आएँगे आज आएँगे 
मुद्दत से यही वो कहते हैं मुद्दत से यही हम सुनते हैं
नूह नारवी
आप आए बन पड़ी मेरे दिल-ए-नाशाद की 
आप बिगड़े बन गई मेरे दिल-ए-नाशाद पर
नूह नारवी
आप जो कहते हैं सब हज़रत-ए-नासेह है बजा 
क्या करूँ ज़ेहन से ये लफ़्ज़ उतर जाते हैं
नूह नारवी
आते आते राह पर वो आएँगे 
जाते जाते बद-गुमानी जाएगी
नूह नारवी
अभी उस क़यामत को मैं क्या कहूँ 
जो गुज़रेगी जी से गुज़रने के बा'द
नूह नारवी
अच्छे बुरे को वो अभी पहचानते नहीं 
कमसिन हैं भोले-भाले हैं कुछ जानते नहीं
नूह नारवी
अदा आई जफ़ा आई ग़ुरूर आया हिजाब आया 
हज़ारों आफ़तें ले कर हसीनों पर शबाब आया
नूह नारवी
ऐ दैर-ओ-हरम वालो तुम दिल की तरफ़ देखो 
का'बे का ये काबा है बुत-ख़ाने का बुत-ख़ाना
नूह नारवी
ऐ 'नूह' आते जाते हैं दोनों घरों में हम 
बुत-ख़ाना है क़रीब बहुत ख़ानक़ाह से
नूह नारवी

