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नूह नारवी शायरी | शाही शायरी

नूह नारवी शेर

87 शेर

हमारे दिल से क्या अरमान सब इक साथ निकलेंगे
कि क़ैदी मुख़्तलिफ़ मीआ'द के होते हैं ज़िंदाँ में

नूह नारवी




हम ने ये देख लिया देख लिया देख लिया
आप भी 'नूह' के तूफ़ान से डर जाते हैं

नूह नारवी




हम इंतिज़ार करें हम को इतनी ताब नहीं
पिला दो तुम हमें पानी अगर शराब नहीं

नूह नारवी




ग़ैर का इश्क़ है कि मेरा है
साफ़ कह दो अभी सवेरा है

नूह नारवी




फ़ित्ने दबे-दबाए थे जितने पड़े हुए
बैठे कहीं हो तुम तो वो सब उठ खड़े हुए

नूह नारवी




आज आएँगे कल आएँगे कल आएँगे आज आएँगे
मुद्दत से यही वो कहते हैं मुद्दत से यही हम सुनते हैं

नूह नारवी




दोस्ती को बुरा समझते हैं
क्या समझ है वो क्या समझते हैं

नूह नारवी




दिल उन्हें देंगे मगर हम देंगे इन शर्तों के साथ
आज़मा कर जाँच कर सुन कर समझ कर देख कर

नूह नारवी




दिल नज़्र करो ज़ुल्म सहो नाज़ उठाओ
ऐ अहल-ए-तमन्ना ये हैं अरकान-ए-तमन्ना

नूह नारवी