कितना मुश्किल है ज़िंदगी करना
और न सोचो तो कितना आसाँ है
मोहम्मद अल्वी
कुछ तो इस दिल को सज़ा दी जाए
उस की तस्वीर हटा दी जाए
मोहम्मद अल्वी
क्यूँ सर खपा रहे हो मज़ामीं की खोज में
कर लो जदीद शायरी लफ़्ज़ों को जोड़ कर
मोहम्मद अल्वी
लड़की अच्छी है 'अल्वी'
नाम उस का मर जाना है
मोहम्मद अल्वी
लम्बी सड़क पे दूर तलक कोई भी न था
पलकें झपक रहा था दरीचा खुला हुआ
मोहम्मद अल्वी
लोग कहते हैं कि मुझ सा था कोई
वो जो बच्चों की तरह रोया था
मोहम्मद अल्वी
माना कि तू ज़हीन भी है ख़ूब-रू भी है
तुझ सा न मैं हुआ तो भला क्या बुरा हुआ
मोहम्मद अल्वी
मैं ख़ुद को मरते हुए देख कर बहुत ख़ुश हूँ
ये डर भी है कि मिरी आँख खुल न जाए कहीं
मोहम्मद अल्वी
मैं नाहक़ दिन काट रहा हूँ
कौन यहाँ सौ साल जिया है
मोहम्मद अल्वी