उस से मिले ज़माना हुआ लेकिन आज भी
दिल से दुआ निकलती है ख़ुश हो जहाँ भी हो
मोहम्मद अल्वी
उसे मैं ने भी कल देखा था 'अल्वी'
नए कपड़े पहन के जा रहा था
मोहम्मद अल्वी
उतार फेंकूँ बदन से फटी पुरानी क़मीस
बदन क़मीस से बढ़ कर कटा-फटा देखूँ
मोहम्मद अल्वी
वो जंगलों में दरख़्तों पे कूदते फिरना
बुरा बहुत था मगर आज से तो बेहतर था
मोहम्मद अल्वी
यार आज मैं ने भी इक कमाल करना है
जिस्म से निकलना है जी बहाल करना है
मोहम्मद अल्वी
यक्का उलट के रह गया घोड़ा भड़क गया
काली सड़क पे चाँद सा चेहरा चमक गया
मोहम्मद अल्वी
ये कहाँ दोस्तों में आ बैठे
हम तो मरने को घर से निकले थे
मोहम्मद अल्वी
ज़मीं छोड़ने का अनोखा मज़ा
कबूतर की ऊँची उड़ानों में था
मोहम्मद अल्वी