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Mayoosi शायरी | शाही शायरी

Mayoosi

47 शेर

मायूसी-ए-मआल-ए-मोहब्बत न पूछिए
अपनों से पेश आए हैं बेगानगी से हम

साहिर लुधियानवी




तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ

साहिर लुधियानवी




उन का ग़म उन का तसव्वुर उन के शिकवे अब कहाँ
अब तो ये बातें भी ऐ दिल हो गईं आई गई

साहिर लुधियानवी




इतना मैं इंतिज़ार किया उस की राह में
जो रफ़्ता रफ़्ता दिल मिरा बीमार हो गया

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




हम किस को दिखाते शब-ए-फ़ुर्क़त की उदासी
सब ख़्वाब में थे रात को बेदार हमीं थे

तअशशुक़ लखनवी