दुनिया पसंद आने लगी दिल को अब बहुत
समझो कि अब ये बाग़ भी मुरझाने वाला है
जमाल एहसानी
दम-ब-दम उठती हैं किस याद की लहरें दिल में
दर्द रह रह के ये करवट सी बदलता क्या है
जमाल पानीपती
दिल की क़ीमत तो मोहब्बत के सिवा कुछ भी न थी
जो मिले सूरत-ए-ज़ेबा के ख़रीदार मिले
जमील मलिक
दिल जहाँ ले जाए दिल के साथ जाना चाहिए
इस से बढ़ कर और कोई रहनुमा होता नहीं
जमील यूसुफ़
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दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते
अब कोई शिकवा हम नहीं करते
जौन एलिया
कौन इस घर की देख-भाल करे
रोज़ इक चीज़ टूट जाती है
जौन एलिया
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ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
जौन एलिया