तबीबों की तवज्जोह से मरज़ होने लगा दूना
दवा इस दर्द की बतला दिल-ए-आगाह क्या कीजे
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
तेरे आने से यू ख़ुशी है दिल
जूँ कि बुलबुल बहार की ख़ातिर
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
उस वक़्त दिल मिरा तिरे पंजे के बीच था
जिस वक़्त तू ने हात लगाया था हात को
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
ज़र्फ़ टूटा तो वस्ल होता है
दिल कोई टूटा किस तरह जोड़े
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
बदलती जा रही है दिल की दुनिया
नए दस्तूर होते जा रहे हैं
शकील बदायुनी
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दिल की बर्बादियों पे नाज़ाँ हूँ
फ़तह पा कर शिकस्त खाई है
शकील बदायुनी
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दिल की तरफ़ 'शकील' तवज्जोह ज़रूर हो
ये घर उजड़ गया तो बसाया न जाएगा
शकील बदायुनी