EN اردو
आंख शायरी | शाही शायरी

आंख

75 शेर

एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना

मुनव्वर राना




निकलने ही नहीं देती हैं अश्कों को मिरी आँखें
कि ये बच्चे हमेशा माँ की निगरानी में रहते हैं

मुनव्वर राना




तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है

मुनव्वर राना




किसी को क़िस्सा-ए-पाकी-ए-चश्म याद नहीं
ये आँखें कौन सी बरसात में नहाई थीं

मुसव्विर सब्ज़वारी




अभी वो आँख भी सोई नहीं है
अभी वो ख़्वाब भी जागा हुआ है

नसीर अहमद नासिर




इस क़दर रोया हूँ तेरी याद में
आईने आँखों के धुँदले हो गए

नासिर काज़मी




कहीं न उन की नज़र से नज़र किसी की लड़े
वो इस लिहाज़ से आँखें झुकाए बैठे हैं

नूह नारवी