मौत को हम ने कभी कुछ नहीं समझा मगर आज
अपने बच्चों की तरफ़ देख के डर जाते हैं
शकील जमाली
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मौत को हम ने कभी कुछ नहीं समझा मगर आज
अपने बच्चों की तरफ़ देख के डर जाते हैं
शकील जमाली
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रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे
हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
शकील जमाली
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रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे
हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
शकील जमाली
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सब से पहले दिल के ख़ाली-पन को भरना
पैसा सारी उम्र कमाया जा सकता है
शकील जमाली
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शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरा
सो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है
शकील जमाली
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तुम्हारे बा'द बड़ा फ़र्क़ आ गया हम में
तुम्हारे बा'द किसी पे ख़फ़ा नहीं हुए हम
शकील जमाली
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