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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

इश्क़ ने किश्वर-ए-दिल लूटा है
आ के आबाद करो बंदा-नवाज़

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




इश्क़ उस का आन कर यक-बारगी सब ले गया
जान से आराम सर से होश और चश्मों से ख़्वाब

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




इश्क़ उस का आन कर यक-बारगी सब ले गया
जान से आराम सर से होश और चश्मों से ख़्वाब

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




इश्क़-बाज़ी बुल-हवस बाज़ी न जान
इश्क़ है ये ख़ाना-ए-ख़ाला नहीं

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




इतना मैं इंतिज़ार किया उस की राह में
जो रफ़्ता रफ़्ता दिल मिरा बीमार हो गया

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




जा भिड़ाता है हमेशा मुझे ख़ूँ-ख़्वारों से
दिल बग़ल-बीच मिरा दुश्मन-ए-जाँ है गोया

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




जामा उर्यानी का क़ामत पर मिरी आया है रास्त
अब मुझे नाम-ए-लिबास-ए-आरियत से नंग है

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम