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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

हमारी गुफ़्तुगू सब से जुदा है
हमारे सब सुख़न हैं बाँकपन के

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




हक़ रखे उस को सलामत हिन्द में
जिस से ख़ुश लगता है हिन्दोस्ताँ मुझे

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




हक़ से मिलना गेरवे कपड़ों उपर मौक़ूफ़ नईं
दिल के तईं रंगो फ़क़ीरी ये है और सब है लिबास

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




हक़ से मिलना गेरवे कपड़ों उपर मौक़ूफ़ नईं
दिल के तईं रंगो फ़क़ीरी ये है और सब है लिबास

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




हस्ती से ता-अदम है सफ़र दो क़दम की राह
क्या चाहिए है हम को सर अंजाम के लिए

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




होली के अब बहाने छिड़का है रंग किस ने
नाम-ए-ख़ुदा तुझ ऊपर इस आन अजब समाँ है

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




होली के अब बहाने छिड़का है रंग किस ने
नाम-ए-ख़ुदा तुझ ऊपर इस आन अजब समाँ है

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम