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वफा शायरी | शाही शायरी

वफा

80 शेर

तुम न तौबा करो जफ़ाओं से
हम वफ़ाओं से तौबा करते हैं

साहिर होशियारपुरी




तेरे ख़ुश-पोश फ़क़ीरों से वो मिलते तो सही
जो ये कहते हैं वफ़ा पैरहन-ए-चाक में है

सय्यद आबिद अली आबिद




उन्हीं को अर्ज़-ए-वफ़ा का था इश्तियाक़ बहुत
उन्हीं को अर्ज़-ए-वफ़ा ना-गवार गुज़री है

सय्यद आबिद अली आबिद