क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़
जान का रोग है बला है इश्क़
what can I say of love to thee
soul's ailment and calamity
मीर तक़ी मीर
मुझ में थोड़ी सी जगह भी नहीं नफ़रत के लिए
मैं तो हर वक़्त मोहब्बत से भरा रहता हूँ
मिर्ज़ा अतहर ज़िया
जब मोहब्बत का नाम सुनता हूँ
हाए कितना मलाल होता है
when mention of love is there
Aah! I feel such deep despai
मुईन अहसन जज़्बी
तुम मिरे पास होते हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता
in such a manner are you close to me
when no one else at all there ever be
मोमिन ख़ाँ मोमिन
रहने दे अपनी बंदगी ज़ाहिद
बे-मोहब्बत ख़ुदा नहीं मिलता
मुबारक अज़ीमाबादी
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
मुनव्वर राना
मोहब्बत एक पाकीज़ा अमल है इस लिए शायद
सिमट कर शर्म सारी एक बोसे में चली आई
मुनव्वर राना