क्यूँ परखते हो सवालों से जवाबों को 'अदीम'
होंट अच्छे हों तो समझो कि सवाल अच्छा है
अदीम हाशमी
किसी को ख़्वाब में अक्सर पुकारते हैं हम
'अता' इसी लिए सोते में होंट हिलते हैं
अहमद अता
सो देख कर तिरे रुख़्सार ओ लब यक़ीं आया
कि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी
अहमद फ़राज़
मुस्कुराए बग़ैर भी वो होंट
नज़र आते हैं मुस्कुराए हुए
अनवर शऊर
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सिर्फ़ उस के होंट काग़ज़ पर बना देता हूँ मैं
ख़ुद बना लेती है होंटों पर हँसी अपनी जगह
अनवर शऊर
कुछ तो मिल जाए लब-ए-शीरीं से
ज़हर खाने की इजाज़त ही सही
आरज़ू लखनवी
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होंटों पर इक बार सजा कर अपने होंट
उस के बाद न बातें करना सो जाना
अतीक़ इलाहाबादी
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