सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा 
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा
बशीर बद्र
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो 
हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली
बशीर बद्र
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा 
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
बशीर बद्र
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा 
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा
बशीर बद्र
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो 
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
बशीर बद्र
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                                उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे 
मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है
बशीर बद्र
उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से 
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है
बशीर बद्र

