पुराने यार भी आपस में अब नहीं मिलते
न जाने कौन कहाँ दिल लगा के बैठ गया
फ़ाज़िल जमीली
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है
दोस्तों ने भी क्या कमी की है
हबीब जालिब
दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं
दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं
I do nor fear injury from my enemies
what frightens me is my friend's fidelities
हफ़ीज़ बनारसी
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से
friendship is commonplace my dear
but friends are hard to find I fea
हफ़ीज़ होशियारपुरी
देखा जो खा के तीर कमीं-गाह की तरफ़
अपने ही दोस्तों से मुलाक़ात हो गई
हफ़ीज़ जालंधरी
दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब
मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं
may my friends too receive this wealth of pain
I cannot envisage my solitary gain
हफ़ीज़ जालंधरी
दोस्तों से इस क़दर सदमे उठाए जान पर
दिल से दुश्मन की अदावत का गिला जाता रहा
हैदर अली आतिश