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Bechaini शायरी | शाही शायरी

Bechaini

13 शेर

इश्क़ में बे-ताबियाँ होती हैं लेकिन ऐ 'हसन'
जिस क़दर बेचैन तुम हो उस क़दर कोई न हो

हसन बरेलवी




आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं
जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैं

जिगर मुरादाबादी




कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर
और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया

कैफ़ भोपाली




आह क़ासिद तो अब तलक न फिरा
दिल धड़कता है क्या हुआ होगा

मीर मोहम्मदी बेदार




हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ

क़तील शिफ़ाई




न कर 'सौदा' तू शिकवा हम से दिल की बे-क़रारी का
मोहब्बत किस को देती है मियाँ आराम दुनिया में

मोहम्मद रफ़ी सौदा