या दुपट्टा न लीजिए सर पर
या दुपट्टा सँभाल कर चलिए
अब्दुल हमीद अदम
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ये क्या कि तुम ने जफ़ा से भी हाथ खींच लिया
मिरी वफ़ाओं का कुछ तो सिला दिया होता
अब्दुल हमीद अदम
ये रोज़-मर्रा के कुछ वाक़िआत-ए-शादी-ओ-ग़म
मिरे ख़ुदा यही इंसाँ की ज़िंदगानी है
अब्दुल हमीद अदम
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ज़बान-ए-होश से ये कुफ़्र सरज़द हो नहीं सकता
मैं कैसे बिन पिए ले लूँ ख़ुदा का नाम ऐ साक़ी
अब्दुल हमीद अदम
ज़रा इक तबस्सुम की तकलीफ़ करना
कि गुलज़ार में फूल मुरझा रहे हैं
अब्दुल हमीद अदम
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ज़िंदगी है इक किराए की ख़ुशी
सूखते तालाब का पानी हूँ मैं
अब्दुल हमीद अदम
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ज़िंदगी ज़ोर है रवानी का
क्या थमेगा बहाव पानी का
अब्दुल हमीद अदम
टैग:
| जिंदगी |
| 2 लाइन शायरी |