सब बिछड़े साथी मिल जाएँ मुरझाएँ चेहरे खिल जाएँ 
सब चाक दिलों के सिल जाएँ कोई ऐसा काम करो 'वाली'
वाली आसी
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                                उन्हें भी जीने के कुछ तजरबे हुए होंगे 
जो कह रहे हैं कि मर जाना चाहते हैं हम
वाली आसी
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                                उन्हें भी जीने के कुछ तजरबे हुए होंगे 
जो कह रहे हैं कि मर जाना चाहते हैं हम
वाली आसी
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                                वहाँ हमारा कोई मुंतज़िर नहीं फिर भी 
हमें न रोक कि घर जाना चाहते हैं हम
वाली आसी
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                                ज़माना और अभी ठोकरें लगाए हमें 
अभी कुछ और सँवर जाना चाहते हैं हम
वाली आसी
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                                ज़माना और अभी ठोकरें लगाए हमें 
अभी कुछ और सँवर जाना चाहते हैं हम
वाली आसी
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                                आज तेरी भवाँ ने मस्जिद में 
होश खोया है हर नमाज़ी का
वली मोहम्मद वली
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