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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

आप इधर आए उधर दीन और ईमान गए
ईद का चाँद नज़र आया तो रमज़ान गए

शुजा ख़ावर




औरों से पूछिए तो हक़ीक़त पता चले
तन्हाई में तो ज़ात का इरफ़ान हो चुका

शुजा ख़ावर




औरों से पूछिए तो हक़ीक़त पता चले
तन्हाई में तो ज़ात का इरफ़ान हो चुका

शुजा ख़ावर




दर्द जाएगा तो कुछ कुछ जाएगा पर देखना
चैन जब जाएगा तो सारा का सारा जाएगा

शुजा ख़ावर




दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे
आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत

शुजा ख़ावर




दिल में नफ़रत हो तो चेहरे पे भी ले आता हूँ
बस इसी बात से दुश्मन मुझे पहचान गए

शुजा ख़ावर




दिल में नफ़रत हो तो चेहरे पे भी ले आता हूँ
बस इसी बात से दुश्मन मुझे पहचान गए

शुजा ख़ावर