सितारों की गर्दिश दिलों का बिछड़ना
ये कैसे ख़ुदा की है कैसी ख़ुदाई
अख़लाक़ अहमद आहन
तिरे फ़िराक़ में हम ने बहाए अश्क-ए-जिगर
ये सब ने चाहा मगर आए तो लहू आए
अख़लाक़ अहमद आहन
वो जादू अदाएँ अदाओं में जादू
ये पहुँचाएँ हम को फ़ना से बक़ा तक
अख़लाक़ अहमद आहन
ये कैसी जगह है कि दिल खो रहा है
बयाबाँ है सहरा है गुलशन है क्या है
अख़लाक़ अहमद आहन
किसी के लम्स की तासीर है कि बरसों बा'द
मिरी किताबों में अब भी गुलाब जागते हैं
अख़लाक़ बन्दवी
क्या तुझे इल्म नहीं तेरी रज़ा की ख़ातिर
मैं ने किस किस को ज़माने में ख़फ़ा रक्खा है
अख़लाक़ बन्दवी
उम्र लग जाती है इक घर को बनाने में हमें
मकड़ियाँ रोज़ ही बुन लेती हैं जाले कैसे
अख़लाक़ बन्दवी