कम से कम दुनिया से इतना मिरा रिश्ता हो जाए
कोई मेरा भी बुरा चाहने वाला हो जाए
शारिक़ कैफ़ी
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कम से कम दुनिया से इतना मिरा रिश्ता हो जाए
कोई मेरा भी बुरा चाहने वाला हो जाए
शारिक़ कैफ़ी
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कौन कहे मा'सूम हमारा बचपन था
खेल में भी तो आधा आधा आँगन था
शारिक़ कैफ़ी
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कौन था वो जिस ने ये हाल किया है मेरा
किस को इतनी आसानी से हासिल था मैं
शारिक़ कैफ़ी
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कौन था वो जिस ने ये हाल किया है मेरा
किस को इतनी आसानी से हासिल था मैं
शारिक़ कैफ़ी
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ख़्वाब वैसे तो इक इनायत है
आँख खुल जाए तो मुसीबत है
शारिक़ कैफ़ी
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किस एहसास-ए-जुर्म की सब करते हैं तवक़्क़ो
इक किरदार किया था जिस में क़ातिल था मैं
शारिक़ कैफ़ी
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