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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

कम से कम दुनिया से इतना मिरा रिश्ता हो जाए
कोई मेरा भी बुरा चाहने वाला हो जाए

शारिक़ कैफ़ी




कम से कम दुनिया से इतना मिरा रिश्ता हो जाए
कोई मेरा भी बुरा चाहने वाला हो जाए

शारिक़ कैफ़ी




कौन कहे मा'सूम हमारा बचपन था
खेल में भी तो आधा आधा आँगन था

शारिक़ कैफ़ी




कौन था वो जिस ने ये हाल किया है मेरा
किस को इतनी आसानी से हासिल था मैं

शारिक़ कैफ़ी




कौन था वो जिस ने ये हाल किया है मेरा
किस को इतनी आसानी से हासिल था मैं

शारिक़ कैफ़ी




ख़्वाब वैसे तो इक इनायत है
आँख खुल जाए तो मुसीबत है

शारिक़ कैफ़ी




किस एहसास-ए-जुर्म की सब करते हैं तवक़्क़ो
इक किरदार किया था जिस में क़ातिल था मैं

शारिक़ कैफ़ी