अब मिरा दर्द मिरी जान हुआ जाता है
ऐ मिरे चारागरो अब मुझे अच्छा न करो
शहज़ाद अहमद
अब तो इंसान की अज़्मत भी कोई चीज़ नहीं
लोग पत्थर को ख़ुदा मान लिया करते थे
शहज़ाद अहमद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
अब तो इंसान की अज़्मत भी कोई चीज़ नहीं
लोग पत्थर को ख़ुदा मान लिया करते थे
शहज़ाद अहमद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
अब तो साफ़ सुनता हूँ अपने दिल की हर धड़कन
और क्या दिखाएगी ये तवील तन्हाई
शहज़ाद अहमद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
अगर दो दिल कहीं भी मिल गए हैं
ज़माने को शिकायत हो गई है
शहज़ाद अहमद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
अगर दो दिल कहीं भी मिल गए हैं
ज़माने को शिकायत हो गई है
शहज़ाद अहमद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
ऐ सुब्ह की किरन मुझे प्यारी है तू बहुत
तुझ से लिपट पड़ूँगा अगर जागता हुआ
शहज़ाद अहमद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |