यादों के नशेमन को जलाया तो नहीं है
हम ने तुझे इस दिल से भुलाया तो नहीं है
अफ़ज़ल इलाहाबादी
यूँ इलाज-ए-दिल बीमार किया जाएगा
शर्बत-ए-दीद से सरशार किया जाएगा
अफ़ज़ल इलाहाबादी
अपने बदन से लिपटा हुआ आदमी था मैं
मुझ से छुड़ा के मुझ को बता कौन ले गया
अफ़ज़ल गौहर राव
चंद लोगों की मोहब्बत भी ग़नीमत है मियाँ
शहर का शहर हमारा तो नहीं हो सकता
अफ़ज़ल गौहर राव
एक ही दाएरे में क़ैद हैं हम लोग यहाँ
अब जहाँ तुम हो कोई और वहाँ था पहले
अफ़ज़ल गौहर राव
गुमराह कब किया है किसी राह ने मुझे
चलने लगा हूँ आप ही अपने ख़िलाफ़ में
अफ़ज़ल गौहर राव
हिज्र में इतना ख़सारा तो नहीं हो सकता
एक ही इश्क़ दोबारा तो नहीं हो सकता
अफ़ज़ल गौहर राव