EN اردو
जमील यूसुफ़ शायरी | शाही शायरी

जमील यूसुफ़ शेर

6 शेर

अब तो तेरे हुस्न की हर अंजुमन में धूम है
जिस ने मेरा हाल देखा तेरा दीवाना हुआ

जमील यूसुफ़




ऐ ख़ुदा तू ही बे-मिसाल नहीं
मैं भी हूँ काएनात में तन्हा

जमील यूसुफ़




दिल जहाँ ले जाए दिल के साथ जाना चाहिए
इस से बढ़ कर और कोई रहनुमा होता नहीं

जमील यूसुफ़




तेरी दुनिया में तिरे हुस्न का शैदाई हूँ
ऐ ख़ुदा मुझ को गुनहगार न समझा जाए

जमील यूसुफ़




तेरी दूरी भी है मुश्किल तिरी क़ुर्बत भी मुहाल
किस क़दर तू ने मिरी जान सताया है मुझे

जमील यूसुफ़




तू मिरी राह में क्यूँ हाइल है
एक उमडे हुए दरिया की तरह

जमील यूसुफ़