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जिंदगी शायरी | शाही शायरी

जिंदगी

163 शेर

जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है

जौन एलिया




ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
अपने अंदाज़ से गँवाने का

जौन एलिया




ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में

जौन एलिया




ज़िंदगी क्या है इक कहानी है
ये कहानी नहीं सुनानी है

जौन एलिया




ये ज़िंदगी भी अजब कारोबार है कि मुझे
ख़ुशी है पाने की कोई न रंज खोने का

जावेद अख़्तर




ख़ुदा आबाद रक्खे ज़िंदगी को
हमारी ख़ामुशी को सह गई है

जावेद नासिर




गुज़र रही थी ज़िंदगी गुज़र रही है ज़िंदगी
नशेब के बग़ैर भी फ़राज़ के बग़ैर भी

जावेद सबा