हमारी ज़िंदगी तो मुख़्तसर सी इक कहानी थी
भला हो मौत का जिस ने बना रक्खा है अफ़्साना
बेदम शाह वारसी
ज़िंदगी क्या है अनासिर में ज़ुहूर-ए-तरतीब
मौत क्या है इन्हीं अज्ज़ा का परेशाँ होना
चकबस्त ब्रिज नारायण
दुनिया मेरी बला जाने महँगी है या सस्ती है
मौत मिले तो मुफ़्त न लूँ हस्ती की क्या हस्ती है
फ़ानी बदायुनी
किसी के एक इशारे में किस को क्या न मिला
बशर को ज़ीस्त मिली मौत को बहाना मिला
फ़ानी बदायुनी
मौत आने तक न आए अब जो आए हो तो हाए
ज़िंदगी मुश्किल ही थी मरना भी मुश्किल हो गया
फ़ानी बदायुनी
मौत का इंतिज़ार बाक़ी है
आप का इंतिज़ार था न रहा
फ़ानी बदायुनी
ना-उमीदी मौत से कहती है अपना काम कर
आस कहती है ठहर ख़त का जवाब आने को है
फ़ानी बदायुनी