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मौत शायरी | शाही शायरी

मौत

80 शेर

बड़ी तलाश से मिलती है ज़िंदगी ऐ दोस्त
क़ज़ा की तरह पता पूछती नहीं आती

शानुल हक़ हक़्क़ी




फ़िल-हक़ीक़त कोई नहीं मरता
मौत हिकमत का एक पर्दा है

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




ताबे रज़ा का उस की अज़ल सीं किया मुझे
चलता नहीं है ज़ोर किसूँ का क़ज़ा के हाथ

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम