बुत-कदे से चले हो काबे को
क्या मिलेगा तुम्हें ख़ुदा के सिवा
हफ़ीज़ जालंधरी
वफ़ा जिस से की बेवफ़ा हो गया
जिसे बुत बनाया ख़ुदा हो गया
I was constant but she eschewed fidelity
the one I idolized, alas, claimed divinity
हफ़ीज़ जालंधरी
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है
उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है
हैदर अली आतिश
अगर तेरी ख़ुशी है तेरे बंदों की मसर्रत में
तो ऐ मेरे ख़ुदा तेरी ख़ुशी से कुछ नहीं होता
हरी चंद अख़्तर
ईमाँ भी लाज रख न सका मेरे झूट की
अपने ख़ुदा पे कितना मुझे ए'तिमाद था
हिमायत अली शाएर
तारीफ़ उस ख़ुदा की जिस ने जहाँ बनाया
कैसी ज़मीं बनाई क्या आसमाँ बनाया
इस्माइल मेरठी
हम यहाँ ख़ुद आए हैं लाया नहीं कोई हमें
और ख़ुदा का हम ने अपने नाम पर रक्खा है नाम
जौन एलिया