आईना आईना तैरता कोई अक्स
और हर ख़्वाब में दूसरा ख़्वाब है
अतीक़ुल्लाह
देख आईना जो कहता है कि अल्लाह-रे मैं
उस का मैं देखने वाला हूँ 'बक़ा' वाह-रे मैं
बक़ा उल्लाह 'बक़ा'
टैग:
| Aaina |
| 2 लाइन शायरी |
आइना देख कर वो ये समझे
मिल गया हुस्न-ए-बे-मिसाल हमें
बेख़ुद देहलवी
न देखना कभी आईना भूल कर देखो
तुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा
बेख़ुद देहलवी
देखना अच्छा नहीं ज़ानू पे रख कर आइना
दोनों नाज़ुक हैं न रखियो आईने पर आइना
दाग़ देहलवी
टैग:
| Aaina |
| 2 लाइन शायरी |
ज़रा विसाल के बाद आइना तो देख ऐ दोस्त
तिरे जमाल की दोशीज़गी निखर आई
फ़िराक़ गोरखपुरी
भूले-बिसरे हुए ग़म फिर उभर आते हैं कई
आईना देखें तो चेहरे नज़र आते हैं कई
फ़ुज़ैल जाफ़री