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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

लेने वाले तो सभी कुछ ले गए
आप भी एहसान थोड़ा कीजिए

विलास पंडित मुसाफ़िर




मेहनत कर के हम तो आख़िर भूके भी सो जाएँगे
या मौला तू बरकत रखना बच्चों की गुड़-धानी में

विलास पंडित मुसाफ़िर




रोज़ ही पीना रोज़ पिलाना रोज़ ग़मों से टकराना
इक दिन मय को भूल के आओ गंगा-जल की बात करें

विलास पंडित मुसाफ़िर




रोज़ ही पीना रोज़ पिलाना रोज़ ग़मों से टकराना
इक दिन मय को भूल के आओ गंगा-जल की बात करें

विलास पंडित मुसाफ़िर




अब के मसरूफ़ियत-ए-इश्क़ बहुत है हम को
तुम चले जाओ तो फ़ुर्सत से गुज़ारा कर लें

विपुल कुमार




बचा के आँख बिछड़ जाएँ उस से चुपके से
अभी तो अपनी तरफ़ ध्यान भी ज़ियादा नहीं

विपुल कुमार




बचा के आँख बिछड़ जाएँ उस से चुपके से
अभी तो अपनी तरफ़ ध्यान भी ज़ियादा नहीं

विपुल कुमार