EN اردو
2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

मेरी कोशिश तो यही है कि ये मा'सूम रहे
और दिल है कि समझदार हुआ जाता है

विकास शर्मा राज़




मिरी उरूज की लिक्खी थी दास्ताँ जिस में
मिरे ज़वाल का क़िस्सा भी उस किताब में था

विकास शर्मा राज़




मिरी उरूज की लिक्खी थी दास्ताँ जिस में
मिरे ज़वाल का क़िस्सा भी उस किताब में था

विकास शर्मा राज़




मोहब्बत के आदाब सीखो ज़रा
उसे जान कह कर पुकारा करो

विकास शर्मा राज़




मुद्दतें हो गईं हिसाब किए
क्या पता कितने रह गए हैं हम

विकास शर्मा राज़




मुद्दतें हो गईं हिसाब किए
क्या पता कितने रह गए हैं हम

विकास शर्मा राज़




मुझ को अक्सर उदास करती है
एक तस्वीर मुस्कुराती हुई

विकास शर्मा राज़