मेरी कोशिश तो यही है कि ये मा'सूम रहे
और दिल है कि समझदार हुआ जाता है
विकास शर्मा राज़
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मिरी उरूज की लिक्खी थी दास्ताँ जिस में
मिरे ज़वाल का क़िस्सा भी उस किताब में था
विकास शर्मा राज़
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मिरी उरूज की लिक्खी थी दास्ताँ जिस में
मिरे ज़वाल का क़िस्सा भी उस किताब में था
विकास शर्मा राज़
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मोहब्बत के आदाब सीखो ज़रा
उसे जान कह कर पुकारा करो
विकास शर्मा राज़
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मुद्दतें हो गईं हिसाब किए
क्या पता कितने रह गए हैं हम
विकास शर्मा राज़
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मुद्दतें हो गईं हिसाब किए
क्या पता कितने रह गए हैं हम
विकास शर्मा राज़
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मुझ को अक्सर उदास करती है
एक तस्वीर मुस्कुराती हुई
विकास शर्मा राज़
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