रफ़्ता रफ़्ता क़ुबूल होंगे उसे
रौशनी के लिए नए हैं हम
विकास शर्मा राज़
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रोज़ ये ख़्वाब डराता है मुझे
कोई साया लिए जाता है मुझे
विकास शर्मा राज़
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रोज़ ये ख़्वाब डराता है मुझे
कोई साया लिए जाता है मुझे
विकास शर्मा राज़
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तन्हा होता हूँ तो मर जाता हूँ मैं
मेरे अंदर तू ज़िंदा हो जाता है
विकास शर्मा राज़
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तू भी नाराज़ बहुत है मुझ से
ज़िंदगी तुझ से ख़फ़ा हूँ मैं भी
विकास शर्मा राज़
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तू भी नाराज़ बहुत है मुझ से
ज़िंदगी तुझ से ख़फ़ा हूँ मैं भी
विकास शर्मा राज़
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उसे छुआ ही नहीं जो मिरी किताब में था
वही पढ़ाया गया मुझ को जो निसाब में था
विकास शर्मा राज़
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