ये मेरे साथी हैं प्यारे साथी मगर इन्हें भी नहीं गवारा
मैं अपनी वहशत के मक़बरे से नई तमन्ना के ख़्वाब देखूँ
उमैर मंज़र
ये तो सच है कि वो सितमगर है
दर पर आया है तो अमान में रख
उमैर मंज़र
ये तो सच है कि वो सितमगर है
दर पर आया है तो अमान में रख
उमैर मंज़र
किताब-ए-इश्क़ में हर आह एक आयत है
पर आँसुओं को हुरूफ़-ए-मुक़त्तिआ'त समझ
उमैर नजमी
अक्सर हुआ है ये कि ख़ुद अपनी तलाश में
आगे निकल गए हैं हद-ए-मा-सिवा से भी
उमर अंसारी
अक्सर हुआ है ये कि ख़ुद अपनी तलाश में
आगे निकल गए हैं हद-ए-मा-सिवा से भी
उमर अंसारी
बाहर बाहर सन्नाटा है अंदर अंदर शोर बहुत
दिल की घनी बस्ती में यारो आन बसे हैं चोर बहुत
उमर अंसारी