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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

भेज दी तस्वीर अपनी उन को ये लिख कर 'शकील'
आप की मर्ज़ी है चाहे जिस नज़र से देखिए

शकील बदायुनी




चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिल
हौसला किस का बढ़ाता है कोई

शकील बदायुनी




छुपे हैं लाख हक़ के मरहले गुम-नाम होंटों पर
उसी की बात चल जाती है जिस का नाम चलता है

शकील बदायुनी




दिल की बर्बादियों पे नाज़ाँ हूँ
फ़तह पा कर शिकस्त खाई है

शकील बदायुनी




दिल की तरफ़ 'शकील' तवज्जोह ज़रूर हो
ये घर उजड़ गया तो बसाया न जाएगा

शकील बदायुनी




दिल की तरफ़ 'शकील' तवज्जोह ज़रूर हो
ये घर उजड़ गया तो बसाया न जाएगा

शकील बदायुनी




दुनिया की रिवायात से बेगाना नहीं हूँ
छेड़ो न मुझे मैं कोई दीवाना नहीं हूँ

शकील बदायुनी