स्वाद-ए-ख़ाल के नुक़्ते की ख़ूबी
जो आशिक़ है सो तिल तिल जानता है
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
ताबे रज़ा का उस की अज़ल सीं किया मुझे
चलता नहीं है ज़ोर किसूँ का क़ज़ा के हाथ
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
तब्अ तेरी अजब तमाशा है
गाह तोला है गाह माशा है
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
तब्अ तेरी अजब तमाशा है
गाह तोला है गाह माशा है
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
तबीबों की तवज्जोह से मरज़ होने लगा दूना
दवा इस दर्द की बतला दिल-ए-आगाह क्या कीजे
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
तन्हाई से आती नहीं दिन रात मुझे नींद
या-रब मिरा हम-ख़्वाब ओ हम-आग़ोश कहाँ है
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
तन्हाई से आती नहीं दिन रात मुझे नींद
या-रब मिरा हम-ख़्वाब ओ हम-आग़ोश कहाँ है
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम