साफ़ दिल है तो आ कुदूरत छोड़
मिल हर इक रंग बीच आब की तरह
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
साहिबान-ए-क़स्र को मिलती नहीं है ब'अद-ए-मर्ग
गोर में सर के तले तकिया की जागा एक ख़िश्त
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
साहिबान-ए-क़स्र को मिलती नहीं है ब'अद-ए-मर्ग
गोर में सर के तले तकिया की जागा एक ख़िश्त
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
साक़ी मुझे ख़ुमार सताए है ला शराब
मरता हूँ तिश्नगी से ऐ ज़ालिम पिला शराब
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
सब्र बिन और कुछ न लो हमराह
कूचा-ए-इश्क़ तंग है यारो
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
सब्र बिन और कुछ न लो हमराह
कूचा-ए-इश्क़ तंग है यारो
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
समझते हम नहीं जो तुम इशारों बीच कहते हो
मुफ़स्सल को तो हम जाने हैं ये मुज्मल ख़ुदा जाने
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम