इश्क़ नहीं कोई नहंग है यारो
दुश्मन-ए-नाम-ओ-नंग है यारो
सब्र बिन और कुछ न लो हमराह
कूचा-ए-इश्क़ तंग है यारो
शम्अ'-रू पर न हुए क्यूँ कर डोर
दिल हमारा पतंग है यारो
बात ऊस तिफ़्ल-ख़ू की रम्ज़-आमेज़
मुज दिवाने को संग है यारो
तिल है तिरयाक चश्म जाम-ए-शराब
सब्ज़ा-ए-ख़त यू बंग है यारो
ज़ुल्फ़ का दिलरुबा की आज ख़याल
दिल कूँ क़ैद-ए-फ़रंग है यारो
ऊस परी-रू सीं और 'हातिम' सीं
रात दिन सुल्ह ओ जंग है यारो
ग़ज़ल
इश्क़ नहीं कोई नहंग है यारो
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम