देखने के लिए इक चेहरा बहुत होता है
आँख जब तक है तुझे सिर्फ़ तुझे देखूँगा
शहरयार
दिल परेशाँ हो मगर आँख में हैरानी न हो
ख़्वाब देखो कि हक़ीक़त से पशीमानी न हो
शहरयार
दिल रिझा है तुझ पे ऐसा बद-गुमाँ होगा नहीं
तू नहीं आया तो समझा तू यहाँ होगा नहीं
शहरयार
दिल रिझा है तुझ पे ऐसा बद-गुमाँ होगा नहीं
तू नहीं आया तो समझा तू यहाँ होगा नहीं
शहरयार
एक ही मिट्टी से हम दोनों बने हैं लेकिन
तुझ में और मुझ में मगर फ़ासला यूँ कितना है
शहरयार
ग़म की दौलत बड़ी मुश्किल से मिला करती है
सौंप दो हम को अगर तुम से निगहबानी न हो
शहरयार
ग़म की दौलत बड़ी मुश्किल से मिला करती है
सौंप दो हम को अगर तुम से निगहबानी न हो
शहरयार