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अंदलीब शादानी शायरी | शाही शायरी

अंदलीब शादानी शेर

6 शेर

चाहत के बदले में हम बेच दें अपनी मर्ज़ी तक
कोई मिले तो दिल का गाहक कोई हमें अपनाए तो

in exchange for love I'd trade my freedom I confess
if a buyer could be found who would my heart possess

अंदलीब शादानी




देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो
आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो

Am grateful you came finally, though you were delayed
hope had not forsaken me, though must say was afraid

अंदलीब शादानी




दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है
यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं

अंदलीब शादानी




झूट है सब तारीख़ हमेशा अपने को दुहराती है
अच्छा मेरा ख़्वाब-ए-जवानी थोड़ा सा दोहराए तो

that history doth repeat itself has no shred of truth
if it does so let it then return to me my youth

अंदलीब शादानी




जिगर में टीस लब हँसने पे मजबूर
कुछ ऐसी ही हमारी ज़िंदगी है

अंदलीब शादानी




उफ़ वो तूफ़ान-ए-शबाब आह वो सीना तेरा
जिसे हर साँस में दब दब के उभरता देखा

अंदलीब शादानी