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प्रसिद्ध शायरी | शाही शायरी

प्रसिद्ध

248 शेर

लाई हयात आए क़ज़ा ले चली चले
अपनी ख़ुशी न आए न अपनी ख़ुशी चले

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़




ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही
न तो तू रहा न तो मैं रहा जो रही सो बे-ख़बरी रही

सिराज औरंगाबादी




मुफ़लिसी सब बहार खोती है
मर्द का ए'तिबार खोती है

वली मोहम्मद वली